तेरापंथ आचार्य परम्परा Terapanth Acharya List
विक्रम सं. १८१७ केलवा (राजस्थान, जिला उदयपुर) में आचार्य भीखणजी ने तेरापंथ धर्मसंघ की स्थापना की । वे तेरापंथ के प्रथम आचार्य हुए । आज तक तेरापंथ के दस आचार्य हो चुके हैं।
वर्तमान में ग्यारहवें आचार्य के पद को सुशोभित कर रहे हैं आचार्य महाश्रमण। वर्तमान शासन इनके नेतृत्व में गतिशील है। आचार्यों के नाम इस प्रकार हैं |
1) आचार्य भिक्षु
2) आचार्य भारीमालजी
3) आचार्य रायचंद्रजी
4) आचार्य जीतमलजी
5) आचार्य मघवागणी
6) आचार्य माणकगणी
7) आचार्य डालगणी
8) आचार्य कालूगणी
9) आचार्य तुलसीगणी
10) आचार्य महाप्रज्ञजी
11) आचार्य महाश्रमणजी (वर्तमान )
विक्रम संवत् २०५० माघशुक्ला ७ को सुजानगढ़ (जिला चुरू, राजस्थान) में नौंवे आचार्य श्री तुलसी ने युवाचार्य महाप्रज्ञ को नई परम्परा का सृजन करते हुए दसवें आचार्य के रूप में उद्घोषित किया । वर्तमान में ग्यारहवें आचार्य महाश्रमणजी है।
वर्तमान में ग्यारहवें आचार्य के पद को सुशोभित कर रहे हैं आचार्य महाश्रमण। वर्तमान शासन इनके नेतृत्व में गतिशील है। आचार्यों के नाम इस प्रकार हैं |
1) आचार्य भिक्षु
2) आचार्य भारीमालजी
3) आचार्य रायचंद्रजी
4) आचार्य जीतमलजी
5) आचार्य मघवागणी
6) आचार्य माणकगणी
7) आचार्य डालगणी
8) आचार्य कालूगणी
9) आचार्य तुलसीगणी
10) आचार्य महाप्रज्ञजी
11) आचार्य महाश्रमणजी (वर्तमान )
विक्रम संवत् २०५० माघशुक्ला ७ को सुजानगढ़ (जिला चुरू, राजस्थान) में नौंवे आचार्य श्री तुलसी ने युवाचार्य महाप्रज्ञ को नई परम्परा का सृजन करते हुए दसवें आचार्य के रूप में उद्घोषित किया । वर्तमान में ग्यारहवें आचार्य महाश्रमणजी है।
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